मैं एक नवोदित रचनाकार हूं; मैं कोशिश कर रही हूं, कि मैं अपने शब्दों को एक माला में पिरोने की। और उस माला को एक साकारात्मक और प्रेरणास्त्रोत रचनाओं का रूप देने की। यदि मेरी रचनाओं में कोई त्रुटियां होती हैं तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं।
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आदर्श वाक्य
"एक नवजात शिशु के लिए जितनी आवश्यक उसकी मां और उसके आंचल की छांव है, भारत की अनेकता को एकता के सूत्र में बांधने के लिए उतनी ही आवश्यक 'मातृभाषा हिंदी' है"।
स्वरचित: मंजू बोहरा बिष्ट, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश।
सत्य वचन।
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